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शनिवार, 3 सितंबर 2016

बाबा रामदेव जी

🙏🏻जय मेघ सा🙏🏻
🌹जय बाबा री🌹

बाबा रामदेव जी मेघवाल है
 सायर जी की वॅशावली
~~~~~~~~~~~~~~~~
जाँभा (जयपाल) से --चन्दहल
चन्दहल जी से = बिगहङ जी
बिगहङ जी से = भोजराज जी
भोजराज जी के दौ पुत्रो का नाम
(1) सायर जी (2) अङसी जी
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सायर जी के पुत्र रामदेव जी थे
(ठाकुर अजमाल के आदेशानुसार सायर जी ने अपनै पुत्र रामदेव
को बिरम के पालणे मे सुलाया था - जिन्हे लोग "अजमल घर
अवतारी" के रुप मे जानते है )
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अङसी जी के दौ सन्तान थी ।
(1) पुत्री "डालीबाई"
(2) पुत्र "मुन्जा जी "
नोट( डाली ओर मुँजा जी के माता पिता का देहान्त हो जाने के
कारण - डाली ओर मुँजा जी को सायर जी ने "पुत्र 'पुत्री के रुप
मे स्वीकार कर गोद लिया था - ओर सायर जी ने
ही उनका पालन पोसन किया था )-
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डालीबाई ने शायर जी के सानिध्य मे ही भक्ति साधना की थी ।
ओर रामदेव जी से पुर्व समाधि ले ली थी ।
जिसकी समाधि पर भाई मुँजाजी के परिवार वॅशज पीढीदर
पीढी सेवा करते आयै है ..जिनके टिकायत परिवार
की वॅशावली निम्नानुसार है
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सायर जी के बाद
मुन्जा जी से मोडा जी
मोडा जी से। डुँगर जी
डुँगर जी से। बीजल जी
बीजल जी से माला जी
माला जी से खीमा जी
खीमा जी से धन्ना जी
धन्ना जी से नॅगा जी
नॅगा जी से माना जी
माना जी से नाथा जी
नाथा जी से केशरा जी
केशरा जी से भूरा जी
भुरा जी से भीखा जी
भीखा जी से हरजी
हरजी से मुकना जी
मुकना जी से पुनम जी
पुनम जी से उत्तमचन्द जी
वर्तमान मे उत्तमचन्द जी का परिवार टिकायत है
स्वामी जी ने स्पष्ट कहा था
कि - बाबा रामदेव मेघवाल थे ।
इसिलिये -
(1) "बाबे रा रिखिया" केवल मेघवाल है ।- तॅवरो को क्यो नही ?
(2) बाबा का जम्मा जागरण आज भी केवल मेघवालो से
ही जगाया जाता है - ओर उन्ही को जम्मे मे प्रथम भोजन
कराया जाता है जिसे "रिखिया जीमावणा" कहा जाता है ।
तॅवरो को क्यो नही ?
(3) मारवाङ मे प्राचीन ओखाणे प्रचलित है कि -"रामदेव जी नै
मिलिया सो मेघ ही मेघ (मेघो रा देव रामदेव)
क्यो कहा गया ?
तॅवरो के विषय मे ऐसै ओखाणे क्यो नही कहै गये ?
(5) बिना माता पिता के कोई पालणे मे कैसे प्रकट हो सकता है ?
-बाबा को जिस कृष्ण व राम का अवतार बताकर "अजमल घर
अवतारी" बताया जाता है - वो राम ओर कृष्ण भी जन्म लेकर
आये थे - प्रकट नही ह
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