डा. अम्बेडकर द्वारा संविधान में महिलाओं के लिए
किये गए विशेष उपबंध (आरक्षण).
1.बहुपत्नी की परम्परा को खत्म कर नारियो को
अद्भुत सम्मान दिया.
2. प्रथम वैध पत्नी के रहते दूसरी शादी को अमान्य
किया. 3. बेटा की तरह बेटी को भी पिता की सम्पति में
अधिकार का प्रावधान किया.
4 . गोद लेने का अधिकार दिया.
5. तलाक लेने का अधिकार दिया.
6. बेटी को वारिश बनने का अधिकार दिया.
7. प्रसव छुट्टी का प्रावधान किया. 8.सामान काम के लिए पुरुषो सा सामान वेतन पाने
का अधिकार दिया.
9. स्त्री की क्षमता के अनुसार ही काम लेने का
प्रावधान किया.
10 भूमिगत कोल खदानों में महिलाओं के काम करने
पर रोक लगाया. 11. श्रम की अवधी 12 घंटा से घटा कर 8 घंटा
किया.
12. लिंग भेद को खत्म किया.
13. बाल विवाह पर रोक लगाया.
14. रखनी प्रथा , वेश्याव्रिति पर रोक.
15. धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार दिया. 16. मताधिकार का अधिकार दिया.
17. प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति बनने का द्वार खोला.
18. मानवीय गरिमा के साथ जीवन जीने का
अधिकार दिया.
ये सारे अधिकार सभी महिलाओं के लिए बनाया.
इस संविधान के पूर्व नारिया पुरुष की दासी मात्र थी जिसका गवाह हिन्दू शास्त्र है. ऋग्वेद में
स्त्रियों को झूठी कहा गया, उनके मन को भेड़िये
जैसा बताया गया, किसी भी पुरुष के प्रति
आकर्षित हो जाने वाली बताया। मानस में तुलसी
ने पशुओं की तरह नारी को पीटने योग्य बताया,
गीता में पापयोनि वाला बताया, मनुसमृति में तो पूछिये मत नारी को किस स्तर तक गिरा .
लेकिन डा. अम्बेडकर ने संविधान के अनुच्छेद 13 में इन
सारे शाश्त्रीय नियमों को ध्वस्त कर उन्हें एक इंसान
के रूप में सम्मान पूर्वक जीने का हक़ दिया...
ऐसे महापुरुष को सत सत नमन...
किये गए विशेष उपबंध (आरक्षण).
1.बहुपत्नी की परम्परा को खत्म कर नारियो को
अद्भुत सम्मान दिया.
2. प्रथम वैध पत्नी के रहते दूसरी शादी को अमान्य
किया. 3. बेटा की तरह बेटी को भी पिता की सम्पति में
अधिकार का प्रावधान किया.
4 . गोद लेने का अधिकार दिया.
5. तलाक लेने का अधिकार दिया.
6. बेटी को वारिश बनने का अधिकार दिया.
7. प्रसव छुट्टी का प्रावधान किया. 8.सामान काम के लिए पुरुषो सा सामान वेतन पाने
का अधिकार दिया.
9. स्त्री की क्षमता के अनुसार ही काम लेने का
प्रावधान किया.
10 भूमिगत कोल खदानों में महिलाओं के काम करने
पर रोक लगाया. 11. श्रम की अवधी 12 घंटा से घटा कर 8 घंटा
किया.
12. लिंग भेद को खत्म किया.
13. बाल विवाह पर रोक लगाया.
14. रखनी प्रथा , वेश्याव्रिति पर रोक.
15. धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार दिया. 16. मताधिकार का अधिकार दिया.
17. प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति बनने का द्वार खोला.
18. मानवीय गरिमा के साथ जीवन जीने का
अधिकार दिया.
ये सारे अधिकार सभी महिलाओं के लिए बनाया.
इस संविधान के पूर्व नारिया पुरुष की दासी मात्र थी जिसका गवाह हिन्दू शास्त्र है. ऋग्वेद में
स्त्रियों को झूठी कहा गया, उनके मन को भेड़िये
जैसा बताया गया, किसी भी पुरुष के प्रति
आकर्षित हो जाने वाली बताया। मानस में तुलसी
ने पशुओं की तरह नारी को पीटने योग्य बताया,
गीता में पापयोनि वाला बताया, मनुसमृति में तो पूछिये मत नारी को किस स्तर तक गिरा .
लेकिन डा. अम्बेडकर ने संविधान के अनुच्छेद 13 में इन
सारे शाश्त्रीय नियमों को ध्वस्त कर उन्हें एक इंसान
के रूप में सम्मान पूर्वक जीने का हक़ दिया...
ऐसे महापुरुष को सत सत नमन...
भारत रत्न बोधिस्तव बाबा साहेब डां; भिमराव अम्बेडकर जी द्वारा किया गया हर
जवाब देंहटाएंएक कार्य जीवन में धारण करने योग्य हैं।
बेहतर होगा की महिलाएं अपने अधिकारों का अधिकतम प्रयोग कर अपने भविष्य का निर्माण करें ।